यादों के झरोखे भाग २७
डायरी दिनांक १०/१२/२०२२
शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।
कल रात कुछ कम नींद आयी। बार बार नींद टूटती रही। कभी कभी ऐसी स्थिति आ जाती है। शारीरिक से अधिक मानसिक पीड़ा बढती है।
मुझे लग रहा है कि लगातार दवा लेने के बाद भी स्टोन की समस्या बढ रही है। हमारे एक मित्र इसी समस्या से कई वर्षों से पीड़ित हैं। उनका कहना है कि एक बार स्टोन बनने पर बार बार बनते रहते हैं। शायद स्टोन बनना कोई नेचुरल प्रक्रिया है जैसे कि नाली के किनारों पर गंदगी का रुकना। समस्या उस रुकावट से होती है जिससे कैल्शियम के छोटे कण किडनी से बाहर नहीं हो पाते। इसी रुकावट के कारण बार बार स्टोन बनते रहते हैं।
कल दो दिनों के लिये सिरसागंज जाने का प्रोग्राम है। इन दो दिनों में लेखन और पाठन कम ही हो पायेगा। बीच बीच में घर घूमने जाना जरूरी है। इस बार बहुत ज्यादा दिन हो गये।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम ।
Pranali shrivastava
10-Dec-2022 07:27 PM
👏👌
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